सुबह का समय है। एक पहाड़ी लड़के से उसकी धाठूवाली रूठी है और अब वो उसको मना रहा है... सवेरे दी भोर है क्यों घनघोर, हो धाठूवालिए हो बिना बद्री बरसे है मेघा, हो कुपूआ,सुनले मेरे अंगना, अंबरा दी छाई बद्री है घनघोर ओ हाय! अंबरा मेरे अंगना, प्यारी सी बद्री छाई है अनमोल हो तेरे बिना जिना मेरा अधूरा हो, हो जीना मेरा तेरे संग हो, हो धाठूवालिए हो हो तेरा मोह लागे तेरा मोह लागे वे दिला दे सकूं दे वो लम्हे,जो तेरे संग हो हो धाठूवालिए हो हो तेरी सो लागे तेरी सो लागे वे अब कहां कोई प्यारा लागे वे हो सवेरे दी भोर तेरे संग हो हो दाठूवालीए हो ✍️ Sunny Mehta Contact ☎️ 9857466789 Copyright © 2021 Sunny Mehta All Rights Reserved