हो सुन ले जरा
नई सी है, ये सुबह
लो फिर से, 
खिली आई है,

हो सुन ले जरा 
नई सी है, ये शाम 
लो फिर से, 
ढल आई हैं 

ये सुबह, ये शाम, आज
फिर से, तेरे संग आई है

दिल ये मेरा,कुछ है कह रहा 
हो सुन ले जरा, ऐ मेरे यारा 
ये बारिश मुबारक हो 
ये बारिश मुबारक हो

खिली-खिली सी ये सुबह 
शबनमी सी हो रही है 
सावन की बरसातों में 
मिली जो तुम हो 
मिली जो तुम हो

जुदा-जुदा थी, जो राहें 
वो फिर से मिल आई है 
हंसी ख्वाबों की चांदनी में 
मिली जो तुम हो 
मिली जो तुम हो

बारिश के इस मौसम में 
सावन है कह रहा 
हो सुन ले जरा, ऐ मेरे यारा
ये बारिश मुबारक हो
ये बारिश मुबारक हो 

✍️ Sunny Mehta 

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Copyright©2023 Sunny Mehta

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