तू जुनूं, तू सकूं
तू साहिल, तू किनारा
मैं लिख दूं जरा 
अफसाना तेरा

छू लूं या जी लूं 
जरा इजाजत दे 
मैं इबादत कर लूं

तनहा है वो लम्हा
जो दूर है तू
ख़ुश है वो ज़रा 
जो छू लें तू 

कह रही हैं
तेरी हर अदा
न कभी खत्म हो
रूदबा ये तेरा

रंग ये तेरा 
बिखरा है यूं 
दिल को सुकून दे 
वो हुस्न है तू

तेरी राहों में
मिली हैं बहारें
लेकर आई है 
तू सौगातें

कह रही हैं हवाएं
तू जुनूं, तू सकूं
तू साहिल, तू किनारा

Written by ✍️ Sunny Mehta

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