मिले हम तुमसे थे
मिले तुम हमसे थे 

मुस्कुराएं हम थे
मुस्कुराएं तुम भी थे
खुशियां हम, तेरे संग
न जाने कितनी लाए थे 

हुआ ये अब क्या है 
रूठा-रूठा, ये वक्त क्यों 
इन लम्हों में, हमसे है 

मिले हम तुमसे थे
मिले तुम हमसे थे 

मुश्किल है यूं जीना 
होके दूर चले जाना 
या फिर मेरी होके रह जाना 
मुमकिन नहीं है यूं जीना

तेरे बगैर यहां
जो मैं हूं, कुछ भी नहीं
जो तू है, सब कुछ यहीं 

थोड़ा-थोड़ा लड़ेंगे
थोड़ा-थोड़ा प्यार करेंगे 
हम इन लम्हों में 
ऐसे ही जिएंगे 

हो फिर से...
मिले हम तुमसे है
मिले तुम हमसे है 

हो यारा, तोड़ दें, 
हो यारा, छोड़ दें, 
इन बेवक्त लम्हों को

आ तू मेरे संग 
थोड़ा-थोड़ा लड़ेंगे
थोड़ा-थोड़ा प्यार करेंगे
हम इन लम्हों में
ऐसे ही जिएंगे

Writer ✍️ Sunny Mehta

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Copyright© 2022 Sunny Mehta

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